
नौ दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवे दिन राम जन्म का वर्णन।
भए प्रगट गोपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी से गूंज उठा पंडाल
रोहनिया/संसद वाणी
नगर पंचायत गंगापुर में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवे दिन कथा वाचक अवध के पूज्य श्री सुखनंदन महाराज जी ने राम जन्म का प्रसंग सुनाया।
उन्होंने बताया कि किस तरह से महाराज दशरथ के यहां महारानी कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा को पुत्र योग का संयोग बना।
महाराज के चारों पुत्रों के जन्म से संपूर्ण राज्य में आनंद का माहौल था हर कोई खुशी में गंधर्व गान कर रहा था और नृत्य करने लगी देवताओं ने पुष्प वर्षा की तथा ब्राह्मणों और दान दक्षिणा दी और उन सभी ने महाराज के पुत्रों को आशीर्वाद दिया परिजनों को महाराज ने धन और दरबारियों को रत्न आभूषण भेंट दी। वही भगवान राम के जन्म के बाद अयोध्या में हर तरफ खुशियां मनाई गई हैं। भगवान श्रीराम के जन्म पर राजा दशरथ संपूर्ण नगर में बधाइया तथा पूरे नगर में मिठाई बंटवाते हैं।
नगर में हर घर में बधाई गीत का गायन किया गया। इस अवसर पर पूरा पंडाल भय प्रकट कृपाला, दीनदयालाल के महाआरती से गुंजायमान हो गया। उन्होंने बताया कि सबसे पहले महाराज दशरश की बड़ी रानी कौशल्या ने एक शिशु को जन्म दिया जो बेहद ही कान्तिवान, नील वर्ण और तेजोमय था। इस शिशु का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इस समय पुनर्वसु नक्षत्र में सूर्य, मंगल शनि, वृहस्पति तथा शुक्र अपने-अपने उच्च स्थानों में विराजित थे। साथ ही कर्क लग्न का उदय हुआ था। फिर शुभ नक्षत्रों में कैकेयी और सुमित्रा ने भी अपने-अपने पुत्रों को जन्म दिया। कैकेयी का एक और सुमित्रा के दोनों पुत्र बेहद तेजस्वी थे।।
अंततः कथा समापन होने के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।