
मुख्यमंत्री आरोग्य मेले मे डॉक्टर दिखे नदारद।
अमेठी/संसद वाणी
यूपी के मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट आरोग्य मेला को स्वास्थ्य विभाग चूना लगाने से बाज नहीं आ रहा है|बिना प्रचार-प्रसार के आरोग्य मेला शुरू तो हुआ लेकिन मेले में पांच-छे मरीज ही आए| जिनमें से कुछ की जांच हुई और कुछ को दवा देकर छुटकारा पाया गया।
मामला अमेठी जिले के संग्रामपुर ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंडेरिया का है| जहां मुख्यमंत्री आरोग्य मेले का आयोजन किया तो गया लेकिन विभागीय कर्मियों की उदासीनता के चलते किसी तरह का कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया गया| यहां तक तो फिर भी ठीक था ताज्जुब तो तब और हुआ जब स्वास्थ्य केंद्र पर आरोग्य मेले का बैनर तक नहीं लगा दिखा|
जहां अस्पताल खुला देख रोजमर्रा वाले पांच-छे मरीज 2:30 बजे तक आ गए डॉक्टर को दिखाने लेकिन वहां कोई डॉक्टर था ही नहीं| फार्मासिस्ट अनिल गुप्ता ने आरोग्य मेले की खानापूर्ति करते हुए इधर-उधर की जांच कर उन्हें दवा देकर चलता कर दिया|
आपको बता दें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंडेरिया के इर्द-गिर्द गांव में लगभग सात से आठ हजार लोगों की आबादी है| और चंडेरिया गांव अपने आप में खुद भी बहुत बड़ा गांव है| लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया आरोग्य मेला|
नाम न लिए जाने की शर्त पर एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि यहां किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं हुई है| और फार्मासिस्ट के सहारे काम चलाया जा रहा है| ऐसे में अब सवाल उठता है कि इस समय चिलचिलाती धूप और कड़ी गर्मी के चलते आए दिन लोग बीमार होंगे तो नजदीकी अस्पताल होने के चलते यहां इलाज करवाने आएंगे तो आखिर इलाज कौन करेगा| जाहिर है मौके पर फार्मासिस्ट या वार्ड ब्वॉय ही इलाज करेगे तो ऐसे में मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ ही होगा| समय रहते सीएमओ अमेठी और प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो जिन की सुविधा के लिए अस्पताल सरकार ने बनवाई है तो उन्हें यह लाभ कैसे मिलेगा |