
गोआश्रय स्थल की मदद को आगे आए सरकारी अधिकारी व विभाग, आबकारी विभाग के 52 हजार समेत ₹1,53,000 दिया दान।
आज़मगढ़/संसद वाणी
आजमगढ़ जिलाधिकारी श्री विशाल भारद्वाज ने बताया कि निराश्रित गोवंश का संरक्षण शासन की शीर्ष प्राथमिकता है। इस जनपद में लगभग 52 गौ आश्रय स्थल है तथा इसमें लगभग 6 हजार गोवंश संरक्षित हैं। गौ आश्रय स्थल शहरी एवं न्याय पंचायत स्तर पर विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।उन्होंने बताया कि इन गौ आश्रय स्थलों पर और बेहतर व्यवस्था करने के लिए निर्णय लिया गया है कि सभी अधिकारी/कर्मचारी स्वेच्छा से एक दिन का वेतन दान देंगे। जिलाधिकारी ने जनता से अनुरोध किया कि अपनी क्षमता के अनुसार गौ संरक्षण समिति के नाम से खोले गये खाता सं0 588201010050096 आईएफएससी कोड SBIN0558829, यूनियन बैंक आफ इण्डिया, विकास भवन आजमगढ़, में धनराशि दान दे सकते हैं। भूसा, चारा एवं अन्य आवश्यक सामग्री दान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि जनता गोवंश को गोद लेकर भी प्रशासन की मदद कर सकता है।
जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय कक्ष में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शासन की मंशा एवं मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार जनपद में गौ आश्रय स्थल के विकास एवं गोवंश के संरक्षण के लिए जनपद के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी स्वेच्छा से अपना एक दिन का वेतन दान में देंगे। उन्होंने कहा कि गौ आश्रय स्थल पर पेयजल, शेड की व्यवस्था विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से की जा रही है। उन्होने कहा कि गौवंश आश्रय स्थल को और अधिक बेहतरी और अच्छा करने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारी/कर्मचारी अपना एक दिन का वेतन देंगे। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने 11000 रू0, मुख्य विकास अधिकारी ने 11000 रू0, डीपीआरओ ने 6000 रू0, अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने 5000 रू0, डीसी मनरेगा ने 5000 रू0, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने 5000 रू0, इस प्रकार जनपद के विभिन्न विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों ने आज लगभग 1 लाख 53 हजार रू0 गोवंश संरक्षण के लिए दान दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि जो गौ आश्रय स्थल हैं, वे यथासंभव आत्मनिर्भर बने। प्रत्येक गौ आश्रय स्थल किसी न किसी चरागाह से जोड़ा जाएगा। मनरेगा एवं अन्य योजना के माध्यम से नेपियर ग्रास या अन्य चारा उगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूह को विभिन्न तकनीकों के माध्यम से गोबर के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे होने वाली आय से स्वयं सहायता समूह को लाभ तो मिलेगा ही, उसके साथ ही गौ आश्रय स्थल की आय में भी अतिरिक्त वृद्धि होगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आनन्द कुमार शुक्ला, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अनिल कुमार मिश्र, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 वीरेंद्र सिंह तथा अन्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।