
संचारी रोगों व कोविड-19 से बचाव के लिए शुरू हुआ ‘दस्तक अभियान’
• घर-घर दस्तक देंगी आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
• संचारी रोगों से साथ कोविड-19 रोग से बचाव के लिए करेंगी जागरूक
• कुपोषित बच्चों व क्षय रोग के लक्षण युक्त व्यक्तियों की भी बनाएंगी सूची
वाराणसी/संसद वाणी
जिले में संचारी रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि के साथ कोविड-19 संक्रमण से बचाव के सम्बन्ध में व्यापक जन-जागरूकता के लिए शुक्रवार से दस्तक अभियान शुरू हो गया है। यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। अभियान में प्रशिक्षित आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर इन बीमारियों के बचाव व उपचार के सम्बन्ध में विभिन्न जानकारी देंगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण कर विशेष सावधानियां बरतते हुये कोविड-19, संचारी रोगों से बचाव तथा इसके उपचार के विषय में स्वास्थ्य शिक्षा तथा आवश्यक जानकारी देते हुये जन जागरूकता का कार्य किया जायेगा। अभियान को प्रभावी बनाने में क्षेत्रीय कार्यकर्ता जैसे आशा, आंगनबाड़ी, ए०एन०एम०, स्कूल शिक्षक और ग्राम प्रधान / ग्राम विकास अधिकारी की अहम भूमिका है। उन्होने बताया कि आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अभियान के तहत घर-घर भ्रमण कर यह भी जानकारी देंगी कि क्या करना है, क्या नहीं करना है ताकि वह समय रहते सही उपाय अपनाने के लिये जागरूक बने। इस अभियान में बुखार के रोगियों का निकटवर्ती सरकारी अस्पताल में त्वरित तथा सही उपचार कराए जाने पर विशेष बल दिया जाएगा।
अभियान के तहत शुक्रवार को अभियान के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एसएस कनौजिया ने चोलापुर ब्लॉक के मुनारी गाँव का निरीक्षण किया। जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे ने काशी विद्यापीठ ब्लॉक के केशरीपुर गाँव का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने क्षेत्रीय लोगों से संचारी रोगों बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही मच्छरों से बचाव के लिए कहीं भी ज्यादा दिन तक पानी जमा न होने और उसका निस्तारिकरण करने के बारे में भी सलाह दी। उन्होने कहा कि संक्रामक रोगों से सम्बन्धित जागरूकता बढ़ाने और बचाव व उपचार संदेश के प्रसार में आशा की महत्वपूर्ण भूमिका है। आशा से अपेक्षित है कि वह हर घर तक पहुंचे, परिवारों से सम्पर्क करें और मुख्य संदेश प्रसारित करें। अभियान के तहत मातृ समूह की बैठक का आयोजन, समय-समय पर स्कूल का भ्रमण और शिक्षकों को बच्चों में जागरूकता बढ़ाने में मदद करना, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) बैठकों का आयोजन एवं पेयजल को साफ करने के लिये क्लोरिनेशन का डेमो आयोजित करना है।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव ने बताया कि अभियान में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए खंड विकास अधिकारी, सहायक खंड विकास अधिकारी, सरकारी कार्यालयों में विभागाध्यक्ष विद्यालयों में अध्यापक, नगरीय निकायों में कार्यकारी अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान, शिक्षक, अध्यापक व अन्य विभाग के अधिकारी सहयोग करेंगे। इसके साथ ही सोशल मीडिया के जरिये भी समुदाय में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
अभियान के दौरान इन बिन्दुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।
- बुखार के रोगियों की सूची,
- आई0एल0आई0 (इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस) रोगियों की सूची,
- क्षय रोग के लक्षण युक्त व्यक्तियों की सूची,
- कुपोषित बच्चों की सूची,
- क्षेत्रवार ऐसे मकानों की सूची जहाँ घरों के भीतर मच्छरों का लार्वा पाया गया हो।